मैं अपनी छोटी सोच पर शर्मिंदा थी। मैं अपनी छोटी सोच पर शर्मिंदा थी।
सुहाना के प्रोत्साहन से ही वह अपने आपको समेटकर तैयारी कर सकी थी । सुहाना के प्रोत्साहन से ही वह अपने आपको समेटकर तैयारी कर सकी थी ।
किशोर सर के चेहरे पर अपने विद्यार्थी की सफलता को देखकर संतुष्टि के असीम भाव थे। किशोर सर के चेहरे पर अपने विद्यार्थी की सफलता को देखकर संतुष्टि के असीम भाव थे।
श्रेया और सौरभ की किस्मत अच्छी थी ;जो हॉस्पिटल में बेड मिल गया था। श्रेया और सौरभ की किस्मत अच्छी थी ;जो हॉस्पिटल में बेड मिल गया था।